कोलेस्ट्रॉल दिल की बीमारी की एक बड़ी वजह है। ऐसे में एक्सपर्ट कम फैट वाले खाने को तरजीह देते रहते हैं ताकि कोलेस्ट्रॉल ना बढ़े। लेकिन नए शोध बताते हैं कि कोलेस्ट्रॉल बढ़ने में खाने का ज्यादा रोल नहीं है साथ ही दिल की बीमारी के लिए तेल से कहीं ज्यादा खतरनाक है रिमाइंड कार्बोहाइड्रेट ! शोध बताते हैं कि डाइटरी कोलेस्ट्रॉल और ब्लड कोलेस्ट्रॉल के बीच कोई कनेक्शन नहीं है।
कोलेस्ट्रॉल क्या है और इसका दिल की बीमारी से क्या सम्बन्ध है इससे जुडी अधिक जानकरी आज इस लेख में हम आपके साथ शेयर कर रहे हैं। कोलेस्ट्रॉल की मात्रा शरीर में नियंत्रित रखने के लिए कैसा आहार लेना चाहिए इसकी जानकारी भी इस लेख में हम देने जा रहे हैं।
कोलेस्ट्रॉल से जुडी सारी जानकारी निचे दी गयी हैं :
हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल तब जमा होता है जब हमारी रक्तवाहिनी में सूजन हो या वे पूरी तरह स्वस्थ न हो। सी रिएक्टिव प्रोटीन ब्लड टेस्ट मारकर से आर्टरीज की सूजन का पता लगाया जाता है।
अगर आप स्वस्थ है तो खाने में कोलेस्ट्रॉल वाली चीजों का ब्लड कोलेस्ट्रॉल पर ज्यादा असर नहीं होता। इसकी वजह है कि हमारे शरीर में मौजूद 85 % ब्लड कोलेस्ट्रॉल लीवर बनाता है सिर्फ 15 से 12 % कॉलेस्ट्रॉल ही हमें आहार से मिलता है। लेकिन अगर पहले से ही कोलेस्ट्रॉल ज्यादा है या कोई रिस्क फैक्टर है जैसे की फैमिली हिस्ट्री, स्मोकिंग, मोटापा आदी तो खाने में कोलेस्ट्रॉल पर कंट्रोल करना जरूरी है। यानी आपको कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने वाली चीजें नहीं खाना चाहिए। कोलेस्ट्रोल को कंट्रोल रखने के लिए जरुरी है कि हम ट्रांसफैट और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट ना खाए। फैट को पूरी तरह डाइट से निकालने की जरूरत नहीं है। कोलेस्ट्रॉल क्या है और इसका दिल की बीमारी से क्या सम्बन्ध है इससे जुडी अधिक जानकरी आज इस लेख में हम आपके साथ शेयर कर रहे हैं। कोलेस्ट्रॉल की मात्रा शरीर में नियंत्रित रखने के लिए कैसा आहार लेना चाहिए इसकी जानकारी भी इस लेख में हम देने जा रहे हैं।
कोलेस्ट्रॉल से जुडी सारी जानकारी निचे दी गयी हैं :
कोलेस्ट्रॉल क्या है ?
Cholesterol in Hindi
कोलेस्ट्रोल वैक्स जैसी चिपचिपी चीज़ है जो शरीर की सभी कोशिकाओं में पाई जाती है। यह हमारे नर्वस सिस्टम से लेकर डाइजेशन तक में मदद करता है। इससे कई हारमोंस भी बनते हैं। अगर यह बढ़ जाए तो रक्तवाहिनी में जमा होने लगता है और तब यह दिल की बीमारी की वजह बनता है। कई बार इस कोलेस्ट्रोल में से कोई हिस्सा टूटकर रक्त की धमनी को ब्लॉक कर देता है जिससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक हो जाता है।हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल तब जमा होता है जब हमारी रक्तवाहिनी में सूजन हो या वे पूरी तरह स्वस्थ न हो। सी रिएक्टिव प्रोटीन ब्लड टेस्ट मारकर से आर्टरीज की सूजन का पता लगाया जाता है।
आहार और कोलेस्ट्रॉल
- आपको फैट सीमा में रहकर ही खाना चाहिए।
- अगर आप स्वस्थ हैं तो भी रोजाना तीन चार चम्मच से ज्यादा फैट ना लें। इसमें देसी घी, मक्खन और रिफाइंड ऑयल सभी शामिल है।
- खाने के बाद थोड़ा घूमने से कई बीमारियों पर लगाम लगाई जा सकती है।
- दिल और लिवर को फिट रखने के लिए संतुलित आहार लेना जरूरी है।
- ऐसी चीजें खाएं जिनमें फाइबर खूब हो, जैसे कि गेंहू, ज्वारा, बाजरा आदि। दलिया ,स्प्राउट्स और दालों के फाइबर से कोलेस्ट्रॉल कम होता है। आटे में चोकर मिलाकर इस्तेमाल करें।
- हरी सब्जियां, साग, शलजम, बींस, मटर और सनफ्लावर सीड्स, अलसी आदि खाए। इन में फोलिक एसिड होता है जो कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- अलसी, बदाम, बीन्स, मछली और सरसों तेल में काफी ओमेगा-3 होता है, जो दिल के लिए अच्छा है।
- मेथी, लहसुन, प्याज, हल्दी, बादाम, सोयाबीन आदि खाएं। इनसे कोलेस्ट्रॉल कम होता है।
- एचडीएल यानि अच्छा कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने के लिए रोजाना 5 बादाम खाए। इसके अलावा ओमेगा-3 वाली चीजें, अखरोट, फिश लिवर ऑयल, सामन मछली, फ्लैक्स सीड्स खाने चाहिए।
- चीनी के बजाए गुड़, शहद या खांड खाए।
- मिठाई कम खाना कोलेस्ट्रॉल कम करने का अच्छा तरीका है
शरीर और कोलेस्ट्रॉल
कोलेस्ट्रॉल जांच की जरूरत
हार्ट अटैक और स्ट्रोक की सबसे बड़ी वजह में से एक कोलेस्ट्रॉल का बढ़ा होना है। कोलेस्ट्रॉल की जांच के लिए लिपिड प्रोफाइल टेस्ट होता है। इसमें गुड कोलेस्ट्रॉल और बैड कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और उनके ratio की जांच होती है। यह टेस्ट करीब 8 से 12 घंटे खाली पेट रखने के बाद होती है। इस दौरान कोई दवा लेने से बचें। कुल कॉलेस्ट्रॉल 200 से कम होना चाहिए। अगर रिस्क फैक्टर नहीं है तो 30 साल की उम्र के बाद कोलेस्ट्रॉल टेस्ट कराए। अगर सब कुछ नॉर्मल है तो भी हर 3 साल में एक बार यह टेस्ट अवश्य करना चाहिए। 40 साल के बाद हर साल यह टेस्ट अवश्य कराएं।कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर क्या करें परहेज ?
पहले देसी घी, मक्खन, चीज आदि को सेहत के लिए काफी खतरनाक माना जा रहा था जो की पूरी तरह से सही नहीं है .आप स्वस्थ है तो खाने में रिफाइंड ऑयल के साथ-साथ देसी घी मक्खन, चीज आदि फैट ले सकते हैं लेकिन ज्यादा नहीं। ध्यान रखें कि घी और तेल बहुत पुराना ना हो। जिनका कोलेस्ट्रॉल ज्यादा है वह सैचुरेटेड फैट से दूर रहे तो अच्छा।सेहत से जुड़ी खास बातें
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