बच्चों को पौष्टिक चीजें खिलाना आज के पेरेंट्स के
लिए बड़ी चुनौती है। एक ओर फास्टफूड और पैकेज्डफूड का ट्रेंड जोरों पर है, वहीं वर्किंगमदर्स
के साथ भी ये परेशानी है कि बच्चों को किस तरह हरी सब्जियां खिलाई जाएं।
हमें आगे बढ़ने से
पहले हमें ये जानना जरूरी है कि हरी सब्जियां बच्चों के खाने में क्यों शामिल
करनी चाहिए। मैंने देखा है कि जानकारी के अभाव में कई मदर्स बच्चों को ये पौष्टिक
चीजें खिलाने पर ध्यान ही नहीं देती हैं।
बच्चों को हरी सब्जियां खिलाने के तरीकों की जानकारी निचे दी गयी हैं :
बच्चों को हरी सब्जियां खिलाने के तरीकों की जानकारी निचे दी गयी हैं :
ऐसे कराएं हरी सब्जियों से बच्चों की दोस्ती
इसलिए हर मां बच्चे को खिलाए हरी सब्जियां
हरी सब्जियों में मिनरल्स और विटामिन्स भरपूर होते हैं। इनमें आयरन भी
पाया जाता है जो बच्चों के शारीरिक ही नहीं मानसिक विकास में भी सहायक होता है। बच्चों की चश्मा न लगे, वे मोटापे के शिकार
न हों, पढ़ने में तेज हों, सुस्ती न घेरे रहे, उनकी लंबाई अच्छी हो... मांओं की बच्चों को लेकर हर छोटी-बड़ी चिंता का
जवाब है हरी सब्जियों की पौष्टिकता।
शुरुआत से ही करवा दें हरी सब्जियों से बच्चों की दोस्ती
पत्ता गोभी, मटर और भिंडी जैसी सब्जियां
तो बच्चे फिर भी खा लेते हैं लेकिन पालक, चुकंदर, बीन्स, शिमला मिर्च आदि को लेकर बच्चे अक्सर नखरा
करते हैं। अगर गौर किया जाए तो बच्चों का ये नखरा कहीं न कहीं बड़ों का ही दिया
होता है। अगर शुरुआत से ही उनकी दोस्ती इन सब्जियों से करवाई जाए तो ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी। यानी जब बच्चा खाना
शुरू करे तो उसकी प्लेट में हर सब्जी को शामिल करें। इस तरह पहले से ही उसका टेस्ट
हर सब्जी को लेकर बनेगा और थोड़ा बड़ा होने पर आपको उसका नखरा नहीं झेलना होगा।
मैंने अपनी कई फ्रेंड्स को बच्चों को हेल्दीफूड के नाम पर हरी सब्जियों
को जबरदस्ती बच्चों के मुंह में डालते देखा है। अब बताएं जब हम बड़े होकर बिना
पसंद और मूड के चीजें नहीं खा सकते तो बच्चे कैसे खाएंगे। जब उसका मन न हो तो
जबरदस्ती न करें। इससे बच्चेे का मन हरी सब्जियां खाने से उचट जाएगा।
इन ट्रिक्स को आजमाएं
बच्चों को हरी सब्जियां खिलाने को लेकर मैंने कुछ फ्रेंड्स को ये टिप्स
दिए थे. ये जरूर आपके भी काम आएंगे -
- बच्चे अगर हरी सब्जियों के नाम पर मुंह बनाते हैं तो उनको किसी और सब्जी या दाल के साथ इनको सर्व करें।
- बच्चे को हर सब्जी के गुण के बारे में बताएं. जैसे उसे बताएं कि पालक खाने से उसकी नजर कमजोर नहीं होगी। इस तरह उसे पता होगा कि इन चीजों को खाना उसके अपने ही फायदे में है।
- ये इनोवेटिवट्रिक भी आपकी मदद करेगी: बच्चों को एक चार्ट बनवाएं जिसमें उनके शरीर के लिए किन पौष्टिक तत्वों की आवश्यकता होती है, की जानकारी हो. इसी के साथ ये चीजें किन सब्जियों से मिलेंगी नोट करवा दें। बच्चे अपनी फूडहैबिट्स को लेकर खुद ही अलर्ट रहेंगे।
- स्टार्स, खिलाड़ियों और मॉडल्स से भी बच्चे खूब प्रभावित होते हैं। इनके इंटरव्यूज में अक्सर इनकी हेल्दीडाइट के बारे में जानकारी दी जाती है। अपने बच्चों को बातों में बातों में इस बारे में बताएं और फिर देखें असर...
- हरी सब्जियां खाने का मतलब ये नहीं है कि बच्चों को बेस्वाद खाना दिया जाए। इन सब्जियों के साथ थोड़ा प्रयोग करते हुए बच्चों के टेस्ट के हिसाब से बनाएं. जैसे शलगम को मटर के साथ बनाएं. या पालक के साथ मूंग दाल पीस कर उसका चीला बनाएं. ऐसे ही सैंडविच और रोटी रोल्स के साथ नया टेस्ट बनाएं।
खुद की आदत पर भी दें ध्यान
मेरा अनुभव कहता है कि बच्चे अपने -बाप की आदतों को कॉपी करते हैं। अब
अगर आपकी खाने की आदतें ही खुद ही सही नहीं होंगी तो बच्चे इस बारे में कैसे
जानेंगे। इसलिए बच्चों को हरी सब्जियों से दोस्ती कराने से पहले आपको खुद इनसे
दोस्ती करनी होगी।
यही नहीं, इस पर भी ध्यान
देना होगा कि टाइम की कमी कभी बच्चे की डाइट और खाने की आदतों को खराब न करे और
अगर आपको भी इसके लिए कुछ टिप्स चाहिए तो इस बारे में हमें जरूर बताएं।
यह लेख हमारे साथ पेरेंटिंग वेबसाइट Parentune ने साझा किया हैं। पेरेंटिंग से जुडी जानकारी और टिप्स आप इनके वेबसाइट www.parentune.com पर जाकर पढ़ सकते हैं।
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