आजकल एकत्रित कुटुंब पद्धति का प्रमाण कम होने के कारण परिवार की साइज़ छोटी हो चुकी हैं। इसमें भी आजकल माता-पिता महंगाई और पढाई इत्यादि का खर्च बढ़ने के कारण एक ही बच्चे पर रुक जाते हैं। घर में केवल एक बच्चा होने के कारण आजकल के बच्चे ज्यादा जिद्दी और शरारती हो रहे हैं। साथ ही बच्चों में झूट बोलने का प्रमाण बढ़ रहा हैं।
माता पिता का व्यवहार ही बच्चों को सच या झूठ बोलने के लिए प्रेरित करता है। अगर ज्यादा सकती है तो बच्चे सच बोलने से डरते हैं। माता-पिता चाहे तो बच्चों को सच बोलने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
जब बच्चे झूठ बोले तो माता-पिता ने उन्हें किस तरह से सच्चाई के रस्ते पर लाना है और कैसा बर्ताव करना है इसकी जानकारी निचे दी गयी हैं :
बच्चे आपके व्यवहार से ही सच बोलना सीखते हैं। उन्हें बताएं कि आप सच को ज्यादा पसंद करते हैं तो वह खुद झूठ से दूर हो जाएंगे। माता पिता चाहते तो है कि बच्चे सच बोले लेकिन इसके लिए क्या वे बच्चों को सही माहौल उपलब्ध कराते हैं ? यह ऐसा सवाल है जो सभी माता पिता की चिंता का विषय है।
अक्सर माता पिता बच्चों के साथ सख्ती से पेश आते हैं और बच्चों की बहुत छोटी-छोटी गलतियों पर बहुत सख्त रवैया अपनाते हैं। जब बच्चे खुद को इस तरह की कड़े अनुशासन में पाते हैं तो वह चीजों को छुपाते हैं यानी झूठ बोलते हैं। अगर लगातार इसी तरह से कड़े नियम कायदे बच्चों पर लागू रहते हैं तो वह बच्चे झूठ बोलने के लिए नए नए रास्ते ढूंढ लेते हैं। बच्चों को झूठ से बचने की सीख देते हुए माता-पिता को बहुत संतुलित तरीका अपनाने की जरूरत है।
माना कि आप बहुत सख्त नहीं होते हैं लेकिन तब भी आप उन्हें प्यार से यह समझाना चाहिए कि अगर सच बोलोगे तो उनकी बातों को ठीक ढंग से सुना जाएगा और उन्हें गलत नहीं समझा जाएगा। अगर उन्हें आप सही माहौल देंगे तो वह सच बोलेंगे।
Designed by Freepikमाता पिता का व्यवहार ही बच्चों को सच या झूठ बोलने के लिए प्रेरित करता है। अगर ज्यादा सकती है तो बच्चे सच बोलने से डरते हैं। माता-पिता चाहे तो बच्चों को सच बोलने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
जब बच्चे झूठ बोले तो माता-पिता ने उन्हें किस तरह से सच्चाई के रस्ते पर लाना है और कैसा बर्ताव करना है इसकी जानकारी निचे दी गयी हैं :
जब बच्चे झूठ बोले तो माता-पिता क्या करें ?
What to do when your child lies?
उनके सच को स्वीकार करें
अगर आप बच्चों को सच बोलना सिखाना चाहते हैं तो उन्हें बताए कि अगर वह इमानदारी से काम करेंगे तो उन्हें सभी पसंद करेंगे। उन्हें ऐसी किताबें पढ़ने के लिए दें जो सच बोलने को प्रेरित करती हो। महात्मा गांधी की जीवनी किशोरों के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है।बच्चे आपके व्यवहार से ही सच बोलना सीखते हैं। उन्हें बताएं कि आप सच को ज्यादा पसंद करते हैं तो वह खुद झूठ से दूर हो जाएंगे। माता पिता चाहते तो है कि बच्चे सच बोले लेकिन इसके लिए क्या वे बच्चों को सही माहौल उपलब्ध कराते हैं ? यह ऐसा सवाल है जो सभी माता पिता की चिंता का विषय है।
अक्सर माता पिता बच्चों के साथ सख्ती से पेश आते हैं और बच्चों की बहुत छोटी-छोटी गलतियों पर बहुत सख्त रवैया अपनाते हैं। जब बच्चे खुद को इस तरह की कड़े अनुशासन में पाते हैं तो वह चीजों को छुपाते हैं यानी झूठ बोलते हैं। अगर लगातार इसी तरह से कड़े नियम कायदे बच्चों पर लागू रहते हैं तो वह बच्चे झूठ बोलने के लिए नए नए रास्ते ढूंढ लेते हैं। बच्चों को झूठ से बचने की सीख देते हुए माता-पिता को बहुत संतुलित तरीका अपनाने की जरूरत है।
झूठ के पीछे झांक कर देखें
माता पिता की इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि बच्चे स्वभाविक रुप से झूठ बोलते हैं। माता-पिता को बच्चे के बहुत सामान्य झूठ पर सख्त रवैया अपनाने से बचना चाहिए मगर आप बच्चों के झूठ पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देते तो इससे उसे लगता है कि वह किसी की बात को छुपा सकते हैं या उसके बारे में झूठ बोल सकते हैं।माना कि आप बहुत सख्त नहीं होते हैं लेकिन तब भी आप उन्हें प्यार से यह समझाना चाहिए कि अगर सच बोलोगे तो उनकी बातों को ठीक ढंग से सुना जाएगा और उन्हें गलत नहीं समझा जाएगा। अगर उन्हें आप सही माहौल देंगे तो वह सच बोलेंगे।
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