आज हम आपके साथ एक बेहद सुंदर और प्रेरणात्मक / Inspirational कहानी share करने जा रहे हैं। यह कहानी मुझे whatsapp द्वारा किसी मित्र से प्राप्त हुई थी और मुझे पसंद आयी इसलिए इसे आपके साथ share कर रहा हु।
यह कहानी छोटी है पर इसमें सन्देश बहोत बड़ा और मूल्यवान हैं।
एक ट्रक में मारबल का सामान जा रहा था, उसमे टाईल्स भी थी, और भगवान की मूर्ती भी थी।
रास्ते में टाईल्स ने मूर्ती से पूछा, "भाई ऊपर वाले ने हमारे साथ ऐसा भेद - भाव क्यों किया है ...!!"
मूर्ती ने पूछा, "कैसा भेद भाव... ?"
टाईल्स ने कहा, "तुम भी पथ्थर मै भी पथतर ..!
तुम भी उसी खान से निकले , मै भी..
तुम भी उसी खान से निकले , मै भी..
तुम्हे भी उसी ने ख़रीदा बेचा , मुझे भी
तुम भी मन्दिर में जाओगे, मै भी ...
तुम भी मन्दिर में जाओगे, मै भी ...
पर वहां तुम्हारी पूजा होगी ...
और मै पैरो तले रौंदा जाउंगा ऐसा क्यों??"
और मै पैरो तले रौंदा जाउंगा ऐसा क्यों??"
मूर्ती ने बड़ी शालीनता से जवाब दिया,
"जब तुम्हे तराशा गया ,
तब तुमसे दर्द सहन नही हुवा ,
और तुम टूट गये टुकड़ो में बंट गये ...
तब तुमसे दर्द सहन नही हुवा ,
और तुम टूट गये टुकड़ो में बंट गये ...
और मुझे जब तराशा गया तब मैने दर्द सहा , मुझ पर लाखो हथोड़े बरसाये गये , मै रोया नही...!!
मेरी आँख बनी , कान बने , हाथ बना, पांव बने ..
फिर भी मैं टूटा नही .... !!
फिर भी मैं टूटा नही .... !!
इस तरहा मेरा रूप निखर गया ...
और मै पूजनीय हो गया ... !!
और मै पूजनीय हो गया ... !!
तुम भी दर्द सहते तो तुम भी पूजे जाते..
मगर तुम टूट गए ...
और टूटने वाले हमेशा पैरों तले रोंदे जाते है !!"
और टूटने वाले हमेशा पैरों तले रोंदे जाते है !!"
इस कहानी से हमें यही सिख मिलती है की, भगवान जब हमें कभी किसी मुश्किल में डालते हैं या कोई समस्या खड़ी होती हैं तो वह हमें असल में भविष्य के किसी बड़ी उपलब्धि के लिए तराश रहे होते हैं। चाहे मुश्किल कितनी भी बड़ी क्यों न हों, हमें अपने आप पर और भगवान पर विश्वास रख कर अपनी रफ़्तार से आगे बढते जाना चाहिए.....मंजिल जरूर मिलेगी .... !!
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