भारतीय आयुर्वेद चिकित्सा में नीम का महत्वपूर्ण स्थान है। नीम एक ऐसा पेड़ है जिसमे गुणों की भरमार है जिस वजह से ये बहुउपयोगी है। नीम के पेड़ भारत में सर्वत्र आसानी से मिल जाते है। ये पेड़ जहाँ हमे शीतल छाँव प्रदान करते है वही पर्यावरण को प्रदुषण से नियंत्रित भी करते है। नीम का वृक्ष पर्यावरण से जहरीली हवाओं को नियंत्रित कर ताज़ी, शुद्ध और ठण्डी हवा प्रदान करता है। नीम एक असरदार एंटीबायोटिक होता है।
यहाँ नीम के कुछ आसान उपयोग दिए जा रहे है जो हम घर बैठे कर सकते है।
- रोज सुबह खाली पेट नीम की स्वच्छ नई पत्तिया खाने से खून साफ़ होता है।
- नीम की तासीर ठण्डी होती है।
- फ़ूड पॉइजनिंग होने पर या रक्तविकार उत्पन्न होने पर नीम की पत्तिया पीसकर देने से लाभ होता है।चूँकि नीम रक्तशोधक होता है अतः इसकी इसकी पत्तिया चबाने या पीसकर गोली खाने से चेहरे की कांति बढ़ती है। कील मुहांसे तथा झाइयाँ मिटती है और रूप लावण्य में व्रुद्धि होती है।
- नीम की पत्तियों को पीसकर लेप लगाने से त्वचा में निखार आता है।
- नीम की जड़ को घिसकर माथे पर लेप करने से ज्वर शांत हो जाता है। साथ ही सिरदर्द का भी शमन होता है।
- नीम की दातौन की विशेषता तो सारी दुनिया जानती है। यह दन्त रोग, पायोरिया, दुर्गन्ध तथा मसूढ़ों की कमजोरी में विशेष लाभकारी है।
- नीम की पत्तिया जल में उबाल ली जाए तो वे बेहतर antiseptic का काम करती है। चर्मरोग के लिए लाभकर होता है ये जल। इस जल से रोगग्रस्त स्थानों को धोना चाहिए।
- कुष्ठ रोग से ग्रस्त व्यक्ति को नीम की छाया में रखना चाहिए। नीम के निम्बोरी के तेल की मालिश करनी चाहिए। नीम की गोली खानी चाहिए ऐसा शास्त्रो में विधान है।
- नीम का तेल अन्य चर्मरोगों में भी लाभकारी है।
- फोड़ा फुंसी होने पर नीम की लुगदी का पोल्टिस रखने से पीड़ा व दर्द से राहत मिलती है तथा फोड़ा फुंसी जल्दी ठीक हो जाते है।
- नीम के सेवन से पेट के कृमि आदि निकल जाते है। कब्ज नही रहता है। पेट साफ़ रहता है।
- नीम का सेवन बवासीर ( पाइल्स ) में भी लाभ करता है।
- नीम का काढ़ा बनाकर पीने से बुखार, मलेरिया, खांसी में आराम मिलता है।
- नीम की छाल घिसकर लगाने से जोड़ों का दर्द ठीक हो जाता है।
- नीम की सुखी पत्तिया अनाज के भण्डार में या किताबों की अलमारी में रखने से कीड़े नहीं लगते।यह प्राकृतिक कीटनाशक है।
- नीम के फूल सुँघने से नासिका रोग दूर होते है।
- नीम के अंजुरी भर फूलों को गुनगुने पानी में डालिये।1 घंटा रहने दे, इसमें निम्बुरस या गुलाबजल की कुछ बुँदे डालकर स्नानोपरांत अपने शरीर पर डाले। आप अपने आप को स्मृति और महक से सराबोर पाएंगे।
- नींब की निम्बोरी को पीसकर सिर पर लगाने से केशोंसे सम्बंधित infections तो दूर होते ही है। साथ ही बालों की वृद्धि भी तेज होती है।
Keywords : Health Benefits of Neem in Hindi. नीम के औषधीय गुण, नीम की उपयोगिता
aapne bahut is acchi jankari di dhyanwad
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